पी डी ए की लहर चली, बदलाव की बारी है,
न्याय हक, सम्मान की, जंग अभी भी जारी है ।
पी डी ए के लोगो को, बराबरी का हक़ मिले,
संविधान के कारण ही , उम्मीद अभी भी बाकी है ।
धीरे धीरे तोड़ रहे , संविधान को मरोड़ रहे ,
वो छीन सके अधिकार तुम्हारे, मंशा उनकी सारी हैं ।।
पी डी ए की लहर चली, बदलाव की बारी है,
न्याय हक, सम्मान की, जंग अभी भी जारी है ।
अधिकारों की बात करो, हक की ज्योत जलाओ,
गाँव शहर में खुशहाली हो , विकास के गीत गाओ।
जाति धर्म की दीवार तोड़, एकता को अपनाओ,
सब मिलकर इक राह चलो , समाज वाद को लाओ।।
पी डी ए की लहर चली, बदलाव की बारी है,
न्याय हक, सम्मान की, जंग अभी भी जारी है ।
अन्याय से लड़ने को , जो उठी आवाज हमारी है,
हर दिल में उम्मीद बनी , वो एसपी पार्टी हमारी हैं ।
अब जन नेता अखिलेश जी हैं , अखिलेश जी की बारी है,
पी डी ए को संग में लाना, ये जिम्मेदारी हमारी है।।
पी डी ए की लहर चली, बदलाव की बारी है,
न्याय हक, सम्मान की, जंग अभी भी जारी है ।
पी डी ए की लहर चली, बदलाव की बारी है,
न्याय हक, सम्मान की, जंग अभी भी जारी है ।
प्रिय भाइयों और बहनों,
आज का समय हमें एक नई दिशा और एकजुटता की ओर बुला रहा है। पीडीए—पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक—के साथ-साथ सभी वर्गों का मिलकर चलना ही हमारे समाज को मज़बूत बना सकता है।
समाजवाद की साइकिल तब आगे बढ़ेगी जब हम सब मिलकर भाईचारे, समानता और सोहार्द की राह पर कदम बढ़ाएँगे।
हमें भेदभाव से ऊपर उठकर यह समझना होगा कि हमारी ताक़त एकता में है। यही एकता हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करेगी, यही एकता समाज में सम्मान और न्याय दिलाएगी।
समाजवादी पार्टी आज आपके सामने एक सशक्त विकल्प है—एक ऐसी ताक़त, जो हर वर्ग को साथ लेकर चलने का विश्वास देती है।
आइए, हाथ से हाथ मिलाएँ, दिल से दिल जोड़ें और समाजवाद के इस कारवां को आगे बढ़ाएँ।
जय समाजवाद! जय हिन्द!
आपका
सत्येन्द्र पाल